मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? अच्छा लिखता हूँ या बुरा लिखता हूँ! खरा लिखता हूँ या खोटा लिखता हूँ! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? मगर जो भी लिखता हूँ!! मगर जो भी लिखता हूँ!! हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ?
सोमवार, 30 अगस्त 2021
शुक्रवार, 27 अगस्त 2021
याद-ए-गगरी
गुरुवार, 26 अगस्त 2021
अनाभि-ए-दर्श
सोमवार, 23 अगस्त 2021
शुक्रिया-ए-एहसास
शुक्रिया-ए-एहसास
दिल से करता हूँ!!
जो कर रहे हैं पसंद
लेखनी को मेरी
उनको सलाम करता हूँ!!
दे रहे हैं हौंसला जो
भेज के प्यार-ए-संदेसा मुझे!
आँखों में बसा के उनको
धड़कन उनके नाम करता हूँ!!
रविवार, 22 अगस्त 2021
सिहरन-ए-याद
शुक्रवार, 20 अगस्त 2021
बीता-ए-वक़्त
साथ
मुश्किल बड़ा बताना है
सोमवार, 16 अगस्त 2021
लम्हां-ए-ख़ुशी
शनिवार, 14 अगस्त 2021
स्वतंत्रता-ए-तहज़ीब
शुक्रवार, 13 अगस्त 2021
जीना है तो जाग जाइये
ऐब-ए-दर्पण
गुरुवार, 12 अगस्त 2021
हिसाब-ए-प्रकृति
एहसास-ए-शुरुआत नई
बुधवार, 11 अगस्त 2021
रूह से रूह तक
सोमवार, 9 अगस्त 2021
दर्पण-ए-हक़ीक़त
शनिवार, 7 अगस्त 2021
मोड़-ए-जिंदगी
विश्वास-ए-रूबरू
शुक्रवार, 6 अगस्त 2021
उलझन-ए-तसव्वुर
गुरुवार, 5 अगस्त 2021
ग़ज़ब-ए-दुनियाँ
बुधवार, 4 अगस्त 2021
और बताओ क्या चल रहा है?
"नारी"
मंगलवार, 3 अगस्त 2021
रिश्ता-ए-अँधेरा
सोमवार, 2 अगस्त 2021
एहसास-ए-आप
एहसास-ए-आप
धर्म-ए-चश्मा
धर्म के नाम पर....
हर वक़्त ............
अधर्म करते हैं.......
लोग भी कैसे कैसे..
कर्म करते हैं.........
प्यार है स्वरूप..........
राम-रहीम-यीशु का..
और इसे ही छोड़कर
बाक़ी सब कुछ......
किया करते हैं........
लम्हां-ए-ख़ुशी
रविवार, 1 अगस्त 2021
सीख-ए-जिंदगी
दवा-ए-हम
क्यों है छुपाया
सीने में दर्द!!
क्यों हरा है
बेदर्द ज़ख्म!!
बयाँ कर दो
बस इक बार!!
कर लो यंकी
फिर दवा हैं हम!!
शख़्स-ए-दिल्लगी
ख़ामोशी को सुन ले जो!
वो शख्स हो तुम!!
रेशम की डोर सी बँधे हो!
मेरे हाथों की नब्ज़ हो तुम!!
तौफा क्या दें तुम्हें!
खुद इक तौफा हो तुम!!
इसलिए लिखते हैं एहसास!
जिसका हर एक लफ्ज़ हो तुम!!
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मजखाली के झोड़े धूणी (मंदिर) में.....
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ख़ामोशी को सुन ले जो! वो शख्स हो तुम!! रेशम की डोर सी बँधे हो! मेरे हाथों की नब्ज़ हो तुम!! तौफा क्या दें तुम्हें! खुद इक तौफा हो तुम!! इसलिए...