बुधवार, 4 अगस्त 2021

और बताओ क्या चल रहा है?

और बताओ क्या चल रहा है?
धर्म के नाम पर
लोग मर रहे हैं
मार रहे हैं
पैसे और रुतबे का
खेल चल रहा है
और बताओ क्या चल रहा है?
हकीकत का पता नहीं
सुनी सुनाई बातों पर
विश्वास चल रहा है
तकनीक हो गई 
इतनी विकसित कि
कुछ का कुछ बना के
परोसा व दिखाया जा रहा है
और बताओ क्या चल रहा है?
ठेले वाले से 
एक एक रुपये का
हिसाब चल रहा है
और स्टार होटलों में
टिप दिया जा रहा है
मंगाई बढ़ने की 
हाई तौबा मच रखी है
और फिल्म देखते देखते
बीस रुपये का पॉपकॉर्न 
सौ रुपये में खाया जा रहा है
किसानों के लिए तो बस 
अफ़सोस जताया जा रहा है
और बताओ क्या चल रहा है?
अपनों को छोड़कर 
हर एक शक़्स 
बेईमान दिख रहा है
अपनी बुद्धि व विवेक को
लगा रखा है घास चरने
और दूसरों के विचारों पर
घमासान चल रहा है
और बताओ क्या चल रहा है?
सफाई की तुलना 
विदेशों से चल रही है
जब बैठे हों अपनी कार में
तो कूड़ा बाहर उड़ रहा है
पर्यावरण के लिए
अफ़सोस चल रहा है
अपने घर का कचरा
सड़कों, गलियों, नदियों 
में निकल रहा है
और बताओ क्या चल रहा है?
दुर्घटना में मर जाए कोई
तो आन्दोलन चल रहा है
और चालान बड़ा तो
गुस्सा आ रहा है
अपनी गलतियाँ
किसी को दिखती नहीं
दूसरों की कमियों का
बखान चल रहा है
और बताओ क्या चल रहा है?
विज्ञापन के नाम पर
बच्चों व युवाओं की सेहत से
खिलवाड़ चल रहा है
न्यूज़ के नाम पर
मन-मुटाव चल रहा
फ़ायदा हो तो सलाम
नहीं तो इंतक़ाम चल रहा है
धूल चहरे पर है
और आईना धुल रहा है
बस भई! यही सब कुछ चल रहा है!!

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