शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

बीता-ए-वक़्त

बीते हुए वक़्त में
जीया नहीं जाता है!!
कुछ पल रुक के
मुड़ कर पीछे!
बस सीखा जाता है!!

वर्तमान है तुम्हारा
कुछ करने के लिए!!
सीख लिया जिसने
जीना इसमें!
फिर तराना!
उज्ज्वल भविष्य का
वही गाता है!!

और भविष्य
ना कभी आया है!
ना कभी आता है!!
जो करता है इंतज़ार!
उसका भविष्य ही
वर्तमान बन जाता है!!

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