भूतकाल से सीख
वर्तमान में जीना!
कंचन की तरह
चमक उठोगे!
बस यही है कहना!
भविष्य के इंतज़ार में
कभी ना!
खुद को खोना!!
भूतकाल से सीख
वर्तमान में जीना!
मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? अच्छा लिखता हूँ या बुरा लिखता हूँ! खरा लिखता हूँ या खोटा लिखता हूँ! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? मगर जो भी लिखता हूँ!! मगर जो भी लिखता हूँ!! हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ?
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