ख़ुशी और ग़म
दो पहलू हैं
जिंदगी के!!!
हर वक़्त बदलेगा
जी रहे हो अगर
जिंदगी को!!!
रुक गए तो
अकेले, बेबस से
हो जाओगे!!
जो बढ़ लिए आगे
तो फिर हर लम्हें की
आगोश में खो जाओगे!!!
मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? अच्छा लिखता हूँ या बुरा लिखता हूँ! खरा लिखता हूँ या खोटा लिखता हूँ! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? मगर जो भी लिखता हूँ!! मगर जो भी लिखता हूँ!! हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ?
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