शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

अर्पित-ए-तसव्वुर

 मैं कहता वही हूँ

जो दिल-ए-बाग़ में

कुछ हलचल कर दे!

कर ले कोई तसव्वुर फिर

चाहे तो फिर मुँह मोड़ दे!!

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