मुश्किल बड़ा बताना है
"साथ" तो निभाना है!!
एहसास के धागे से बंधा
रूहों का याराना है!!
कैसे करें बयाँ इसको
यह शब्द नहीं केवल!
जिंदगी का तराना है!!
सिमट पायेगा कहाँ
चंद लफ़्ज़ों में यह!!
ईश्वर का आशीर्वाद
खुदा का अफ़साना है!!
मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? अच्छा लिखता हूँ या बुरा लिखता हूँ! खरा लिखता हूँ या खोटा लिखता हूँ! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? मगर जो भी लिखता हूँ!! मगर जो भी लिखता हूँ!! हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ?
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