क्यों है छुपाया
सीने में दर्द!!
क्यों हरा है
बेदर्द ज़ख्म!!
बयाँ कर दो
बस इक बार!!
कर लो यंकी
फिर दवा हैं हम!!
मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? अच्छा लिखता हूँ या बुरा लिखता हूँ! खरा लिखता हूँ या खोटा लिखता हूँ! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? मगर जो भी लिखता हूँ!! मगर जो भी लिखता हूँ!! हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ?
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