शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

प्रभात-ए-सुकून

आ जाता है सुकून!
और करार भी!!

सुबह सुबह जब!
गाती हैं चिड़ियाँ!
और छू लेती है!
ठंडी बयार भी!!

साँसे छेड़ती हैं राग!
और धड़कन! 
गाती है सरगम!

ऐसे मौसम में!
जब मिल जाता है!
तेरा प्यार भी!!

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