आ जाता है सुकून!
और करार भी!!
सुबह सुबह जब!
गाती हैं चिड़ियाँ!
और छू लेती है!
ठंडी बयार भी!!
साँसे छेड़ती हैं राग!
और धड़कन!
गाती है सरगम!
ऐसे मौसम में!
जब मिल जाता है!
तेरा प्यार भी!!
मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? अच्छा लिखता हूँ या बुरा लिखता हूँ! खरा लिखता हूँ या खोटा लिखता हूँ! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ? मगर जो भी लिखता हूँ!! मगर जो भी लिखता हूँ!! हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!! मुझे नहीं पता, मैं कैसा लिखता हूँ?
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