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सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

हँसी-ए-मल्लिका

हँसना, रोने से बेहतर है

दिल के अरमानों को

कागज़ पे उतारना बेहतर है

क्या रखा है चिलमने खामोशी में

आओ करलें कुछ बातें

मन की मन से गुफ़्तुगू बेहतर है!!

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