मुझे नहीं पता,
मैं कैसा लिखता हूँ?
अच्छा लिखता हूँ
या बुरा लिखता हूँ!
खरा लिखता हूँ
या खोटा लिखता हूँ!
मुझे नहीं पता,
मैं कैसा लिखता हूँ?
मगर जो भी लिखता हूँ!!
मगर जो भी लिखता हूँ!!
हक़ीक़ते जिंदगी लिखता हूँ!!!
मुझे नहीं पता,
मैं कैसा लिखता हूँ?
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मंगलवार, 21 सितंबर 2021
आदत-ए-सदमा
सदमें में न रहा करो आदत ही तो है! बदल लिया करो!!
लोगों को क्या पता मन की गहराई तुम्हारी! कम बोलकर भी सब कुछ बोल जाया करो!!
यह तो है शुरुआत जिंदगी की! बहुत कुछ घटेगा अभी मग़र तुम हर पल! मुस्कुराया करो!!
मुड़कर जो देखो अग़र पीछे कभी! तो सीख लेकर फिर से आगे बढ़ जाया करो!!
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