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सोमवार, 2 अगस्त 2021

धर्म-ए-चश्मा

धर्म के नाम पर....

हर वक़्त ............

अधर्म करते हैं.......

लोग भी कैसे कैसे..

कर्म करते हैं.........

प्यार है स्वरूप..........

राम-रहीम-यीशु का..

और इसे ही छोड़कर

बाक़ी सब कुछ......

किया करते हैं........

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