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गुरुवार, 5 अगस्त 2021

ग़ज़ब-ए-दुनियाँ

मैंने एक भूखे को रोटी दी!

उसने मुझे दिल से दुवाएँ दी!

ले गया एक चित्रकार,सचित्र हमें!

फिर हमारे इस लेन-देन की!

दुनियाँ ने लाखों में कीमत दी!!

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