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बुधवार, 16 मार्च 2022

आम-ए-आदमी

हर कोई है खुद की
बेहतरीन तस्वीर यहाँ
ऐसा मैं मानता हूँ!!
आम हूँ आदमी मैं
आम शब्दों में लिखता हूँ!!
बहुत बड़ा लेखक नहीं मैं
बस कभी कभी लिखता हूँ!!
भटक न जाएं ये शब्द मेरे
अतः शब्दों के श्रृंगार से डरता हूँ!!
आम हूँ आदमी मैं
आम शब्दों में लिखता हूँ!!
बन जाता है काव्य खास
जब आम जन को छू लेता है
बस इसीलिए मैं सीधे साधे
शब्दों का चयन करता हूँ!!
हर कोई है खुद की
बेहतरीन तस्वीर यहाँ
ऐसा मैं मानता हूँ!!
आम हूँ आदमी मैं
आम शब्दों में लिखता हूँ!!

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