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सोमवार, 21 मार्च 2022

मतलबी-ए-दुनियां

मतलबी है पूरी दुनियां

थोड़ा हम हो गए!

तो कोई ग़ुनाह तो नहीं!!

हर कोई लगा है

इक-दूजे की टांग खींचकर

आगे बढ़ने की होड़ में!

थोड़ा हम बढ़ गए आगे

बिन-कहे चुपके से

तो कोई ग़ुनाह तो नहीं!!

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