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मंगलवार, 3 अगस्त 2021

रिश्ता-ए-अँधेरा

रोशनी है बिखरी
जिंदगी में तुम्हारे
सुनकर खुशी हुई!!

मग़र न तोड़ना
अंधेरे से रिश्ता!!

यह वही है जिससे
ग़म में दोस्ती तुम्हारी हुई!!

जब हर तऱफ फैला था सन्नाटा
यह वही है जिसने तुम्हें संभाला!!

इसी ने सिखाया तुम्हें लड़ाई-ए-ज़ज़्बा
यह वही है जिससे रोशनी तुम से रूबरू हुई!!

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